आयुर्वेद के अनुसार खाना पकाने के लिए उत्पादों का चयन खाद्य की पोषण गुणवत्ता और समग्र स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। आयुर्वेद में व्यंजनों के तैयार करने में उपयोग करने वाले बर्तन का विचार करते समय, आपको अपने शारीरिक प्रकृति और दोषों को ध्यान में रखकर उपयुक्त विकल्प चुनना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके खाद्य में पोषण का संतुलन हो, खासकर आयुर्वेद में प्रदर्शित भोजन के लाभों को उठाने में बर्तनों के चयन को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
Best utensils for cooking according to ayurveda
नीचे कुछ आयुर्वेद द्वारा अनुशंसित Best utensils for cooking और उनके फायदे, नुकसान और मूल्य दिए गए हैं:
1.मिट्टी की हांडी (मटका)/(Clay Pots (Mitti ki Handi/Matka)):
मिट्टी के बर्तन Best utensils for cooking आयुर्वेद के अनुसार,मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाने से खाद्य का स्वाद और आरोग्यदायक गुण बढ़ते हैं। इनमें भोजन का पोषण सुरक्षित रहता है और खाद्य को आसानी से पाचन करने में मदद होती है। मिट्टी के बर्तन गर्मी को अच्छी तरह से बाँटते हैं और खाद्य के प्राकृतिक रस को संभालते हैं। इन्हें अधिकतर व्यंजनों को तैयार करने के लिए आयुर्वेद में उपयुक्त माना जाता है।
फायदे: मिट्टी की हांडी में खाना पकाने से भोजन की स्वाद और खुशबू बढ़ जाती है।
मिट्टी वायुसंचारी होती है, जिससे धीरे धीरे गरमी फैलती है, जो कुछ खाद्य पदार्थों और जड़ी बूटियों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
खाने को रसीला और नरम रखने में मदद करती है।
मिट्टी को शरीर पर शीतल प्रभाव होता है, जिससे यह अधिक तापमान वाली वस्तुओं के लिए उपयुक्त है।
नुकसान: मिट्टी की हांडी नाजुक होती है और सावधानी से संभाली जानी चाहिए, ताकि टूट न जाए।
यह उच्च तापमान पर पकाने या तेज पकाने के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है।
मूल्य/(Price):रुपये 200-500 (यह भारत में भिन्न विक्रेताओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध होता है)
2. लोहे के बर्तन/(Iron Cookware):
आयुर्वेद ने कुछ पाक-प्रक्रियाओं के लिए लोहे के बर्तनों को उपयुक्त माना है। इनमें ताप बराबर रूप से फैलती है और खाने में लौह की मात्रा को बढ़ा सकते हैं, जो आयरन की कमी वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है। इन्हें विभिन्न व्यंजनों को तैयार करने में उपयोगी बनाया जाता है। लोहे के बर्तन का उपयोग खाद्य को संवादशील बनाते हैं, इसलिए आयुर्वेद में भोजन के लिए उपयुक्त माना जाता है।
फायदे: लोहे के बर्तन में खाना पकाने से आयरन का सेवन बढ़ता है, जो आयरन की कमी वाले लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है।
आयुर्वेद में लोहा एक “तामसिक” धातु माना जाता है, जो “वात” दोष को संतुलित करने और धरती पर भूमिकर ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर सकता है। यह धीरे धीरे गरम होता है और इससे खाना अच्छी तरह से पकता है।
नुकसान:लोहे के बर्तन भारी होते हैं और उन्हें गैस पर सेट करने के लिए अधिक मेहनत की आवश्यकता हो सकती है।
अधिक लोहे के बर्तन का उपयोग करने से आयरन का अधिक सेवन हो सकता है, जो सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता।
मूल्य/(Price): रुपये 300-1000 (यह विभिन्न आकारों और गुणवत्ता पर आधारित हो सकता है)
3.तांबे के बर्तन:(Copper Utensils)
तांबे के बर्तन खाद्य के साथ एंटीमाइक्रोबियल गुणधर्म रखते हैं, जो पानी की शुद्धता में सुधार कर सकते हैं। आयुर्वेद में तांबे को वात, पित्त, और कफ के दोषों को संतुलित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। तांबे के बर्तनों में भोजन पकाने से खाद्य को लौह और जस्तिस जैसे पोषक तत्वों से संश्लेषित किया जा सकता है।
फायदे: तांबा को कैविट्रीय गुणों से लाभ मिलता है और तांबे के बर्तन में खाना पकाने से भोजन की स्वाद बढ़ जाती है।
आयुर्वेद में तांबा को “सात्विक” धातु माना जाता है, जो सभी तीन दोषों को संतुलित करने और पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है। तांबा के बर्तन खाद्य को रखने और गरम करने में मदद करते हैं।
नुकसान: अधिक मात्रा में तांबे के बर्तन का उपयोग करने से तांबे का पोषण खाद्य में घुल सकता है, जो सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। तांबे के बर्तन को नियमित रूप से साफ करने की आवश्यकता होती है।
मूल्य/(Price): रुपये 500-1500 (यह विभिन्न आकारों और गुणवत्ता पर आधारित हो सकता है)
4.स्टेनलेस स्टील बर्तन/(Stainless Steel Utensils)
आयुर्वेद में स्टेनलेस स्टील को न्यूट्रल और खाद्य में उपयुक्त माना जाता है। यह सभी पकवानों के लिए उपयुक्त होता है, साफ करने में आसान होता है और खाने के स्वाद या पोषक तत्वों में परिवर्तन नहीं करता।
फायदे: आयुर्वेद में स्टेनलेस स्टील को न्यूट्रल और खाने के लिए सुरक्षित माना जाता है।
साफ करने में आसान, खाद्य के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है, और खाद्य की स्वाद या पोषक तत्वों को बदलने में सहायक नहीं होता है। स्टेनलेस स्टील एक टिकाऊ और व्यापक विकल्प है।
नुकसान: सस्ते गुणवत्ता वाले स्टेनलेस स्टील के बर्तन अन्य हानिकारक धातुओं को शामिल कर सकते हैं, इसलिए उच्च गुणवत्ता वाले स्टेनलेस स्टील बर्तन चुनना महत्वपूर्ण है।
मूल्य/(Price): रुपये 300-1000 (यह विभिन्न आकारों और गुणवत्ता पर आधारित हो सकता है)
5.चांदी के बर्तन/(Silver Utensil):
चांदी के बर्तन खाना पकाने के लिए एक पारंपरिक विधि है जो कुछ संस्कृतियों में प्रचलित है। यहां चांदी के बर्तन का उपयोग करने के लाभ और हानियां विस्तार से दी गई हैं:
चांदी के बर्तन का उपयोग खाना पकाने के लिए करने के फायदे:
एंटीबैक्टीरियल गुणधर्म: चांदी में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो खाने में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं।
पोषक तत्वों की संरक्षण: चांदी खाद्य से अविक्रिय होती है और खाने का स्वाद और पोषण सामग्री को बदलते नहीं है, जिससे खाना अपने प्राकृतिक स्वाद और पोषण को संभाल सकता है।
ताप वितरण: चांदी के बर्तन ताप को बराबरी वितरित करते हैं, जिससे भोजन को समान रूप से पकाया जा सकता है।
सौंदर्यिक दृष्टिकोन: चांदी के बर्तनों का शानदार और शास्त्रीय रूप होता है, जिससे वे विशेष अवसरों पर भोजन कराने के लिए उपयुक्त होते हैं।
सांस्कृतिक महत्व: कुछ संस्कृतियों में, चांदी के बर्तन का उपयोग शुभ और पारंपरिक रीति-रिवाजों में होता है।
चांदी के बर्तन का उपयोग खाना पकाने के लिए करने के नुकसान:
लागत: चांदी के बर्तन आम बर्तनों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं, जिसके कारण सभी के लिए उपलब्ध नहीं होते।
कुछ खाद्य सामग्री के साथ प्रतिक्रिया: हालांकि चांदी अधिकांश खाद्य सामग्री के साथ अविक्रिय होती है, लेकिन कुछ अम्लीय या अल्कलाईन खाद्य सामग्री के साथ इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे चांदी के आयन खाद्य में संश्लिष्ट हो सकते हैं।
चांदी का धूलाई: चांदी के बर्तन समय के साथ धूलेंगे और इन्हें चमकदार रखने के लिए नियमित धूलाई की ज़रूरत होती है।
भारी वजन: चांदी के बर्तन कुछ अन्य धातुओं की तुलना में भारी हो सकते हैं, जिससे उन्हें हैंडल करना कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है।
मूल्य/(Price): चांदी के बर्तनों की कीमत उनके डिज़ाइन, शिल्पकारी, और वजन के आधार पर भिन्न हो सकती है। आम तौर पर, एक चांदी का एकल बर्तन लगभग ₹1000 से ₹10,000 तक या इससे भी ऊपर की कीमत पर आ सकता है।
7.लकड़ी के बर्तन (Wooden Utensils):
लकड़ी के बर्तन का उपयोग खाना पकाने में भोजन का स्वाद और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में प्रशंसा किया जाता है। इन्हें भोजन बनाने और सर्विंग के उद्देश्य से उपयोग किया जा सकता है। यह भोजन को प्राकृतिक और स्वादिष्ट बनाता है, और खाद्य में नैत्रेय के रूप में योगदान करता है। लकड़ी के बर्तन का उपयोग खाद्य बनाने के लिए एक स्वस्थ और सात्विक विकल्प है, जो आपके भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाता है।
फायदे:
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- आयुर्वेद में लकड़ी के बर्तन को “सात्विक” माना जाता है, जो खाद्य तैयार करने में सकारात्मक और शांति वाला माहौल बनाता है।
- बर्तन से उच्च गुणवत्ता वाले, नॉन-रिएक्टिव और खाद्य से संवादशील होते हैं।
- लकड़ी के चम्मच और स्पैचुला उत्तेजक और सेवन में उपयुक्त हैं। हानि:
- लकड़ी के बर्तनों को साफ रखने के लिए नियमित देखभाल की आवश्यकता होती है, ताकि वे संक्रमित या कीटाणु विकास से बच सकें।
- यह सभी पकवानों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं, खासकर उच्च गर्मी वाले पकवानों को बनाने के लिए।
मूल्य/(Price): रुपये 100 से 500 तक, उपलब्धता के आधार पर भिन्न।
8.पत्थर के खूबसूरत मोर्टर और पेस्टल (Stone Mortar and Pestle):
पत्थर के मोर्टर और पेस्टल का उपयोग खाना बनाने के लिए आयुर्वेद में प्रशंसा किया जाता है क्योंकि यह खाद्य को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाता है। इन्हें मसालों, जड़ी बूटियों, और वनस्पति सामग्री को पीसने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे खाने के अनुभव में विशेषता आती है। यह भोजन को पूर्णतः पेष्ट करके उसकी संरचना और संगठन में मदद करता है, जो पाचन और पोषण को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
फायदे:
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- पत्थर के मोर्टर और पेस्टल में मसालों और जड़ी बूटियों को पीसने से उनके प्राकृतिक स्वाद और खुशबू को संरक्षित किया जा सकता है।
- पत्थर खाद्य के साथ अविक्रिय होता है और इसकी गुणवत्ता परिवर्तित नहीं होती। हानि:
- पत्थर के मोर्टर और पेस्टल भारी हो सकते हैं और बड़े पैमाने पर खाद्य तैयार करने के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते।
मूल्य/(Price): रुपये 200 से 1000 तक, उपलब्धता के आधार पर भिन्न।
आयुर्वेद में, एकाग्रता से पकवान बनाने, ताजा और मौसमी खाद्य सामग्री का उपयोग करने, और प्रेम और ध्यान से खाने का महत्व है। भोजन बनाने के उपकरणों का चयन करते समय, व्यक्तिगत अनुसार खुद के दोषों या शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखकर सलाह लेना महत्वपूर्ण है। अपने खाने को आयुर्वेद के तत्वों के साथ समता और संतुलन के साथ तैयार करने से आपके स्वास्थ्य और पोषण का उत्कृष्ट स्तर सुनिश्चित हो सकता है। इसलिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक या विशेषज्ञ से संपर्क करके खाने के बर्तनों के बारे में विशेष सलाह लेना उचित रहेगा।